एक खास सफर

एक खास सफर


वो दिन भी तो कुछ खास ही था
एक खास सफर पर निकले थे
दुर्गम चोटी पर चढ़ पाना आसान ना था
चलती गोली से बच पाना आसान ना था।

थर थर कांपा था शत्रु तब
दुस्साहस पर अपने रहा सोच
गलती भारी वो कर बैठा
ललकार के सोते शेरों को।

गरजी थी अपनी तोपें भी
दुश्मन भी कुछ घबराया था
हमने लेकर के तिरंगा हाथों में
कारगिल शिखर फहराया था।

गूंजा था एक सिंहनाद
जयकारा सबने लगाया था
वंदे मातरम का मधुर स्वर
आकाश तलक पहुंचाया था।

कठिन लक्ष्य में मिली सफलता
दुश्मन को धूल चटा दी थी
भारत मां के दीवानों ने
अपनी जान लड़ा दी थी।

नमन सदा उन वीरों को
जो तन मन अपना वार गए
दुश्मन की गोली खाकर भी
देश की जय जय कार करे।।

आभार – नवीन पहल – २६.०७.२०२३ 🙏🙏
विजय दिवस पर कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि सहित 🙏🙏

# दैनिक प्रतियोगिता हेतु 

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5 Comments

Gunjan Kamal

27-Jul-2023 11:30 AM

👌👏

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Abhinav ji

27-Jul-2023 08:55 AM

Very nice 👍

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बहुत ही बेहतरीन और खूबसूरत भाव

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